बगैर मंजूरी खेती की जमीन मे प्लॉट काट कर बसाई जा रही हैं अवैध कॉलोनिया
बिजली घर मार्ग नहर के पास प्लॉट काट कर बसाई जा रही है कॉलोनिया

बगैर मंजूरी खेती की जमीन मे प्लॉट काट कर बसाई जा रही हैं अवैध कॉलोनिया
बिजली घर मार्ग नहर के पास प्लॉट काट कर बसाई जा रही है कॉलोनिया
पूरनपुर,पीलीभीत।अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन का बुलडोजर चलना शुरू हो गया है इसको लेकर अवैध प्लाटिंग कर कालोनियां बसने वालों में खलबली मची हुई है।पूरनपुर व कलीनगर तहसील क्षेत्र में कृषि भूमि पर कॉलोनी बसाने का सिलसिला जारी है। मिली भगत से लगातार कालोनियां बसाने से राजस्व को भारी नुकसान पहुंच रहा है। प्रशासन द्वारा नक्शे पास कर नियमानुसार प्लाटिंग करने की व्यवस्था होने के बावजूद स्थानीय भूमिया धड़ल्ले से कृषि भूमि को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के आवासीय भूखंडो मे बदल रहे हैं। क्षेत्र में बिना किसी स्वीकृति के खेतों को प्लांट में तब्दील कर बेचा जा रहा है।सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी कृषि भूमि को आवासीय या व्यावसायिक उपयोग के लिए बदलने से पहले संबंधित विभाग की अनुमति आवश्यक होती है लेकिन भू माफिया इस प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमानी कर रहे हैं।यहां कृषि योग्य भूमि पर प्लाटिंग कर जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले अवैध तरीके से कॉलोनियां बसा रहे हैं। न नक्शा पास करा रहे हैं और न ही रजिस्ट्री के समय इसकी जानकारी दे रहे हैं।इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।यही नहीं, यह बिना रजिस्ट्रेशन भूमि के प्लाटिंग का कारोबार तहसील पूरनपुर व कलीनगर क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा है।भूमाफियाओं द्वारा कृषि योग्य भूमि,सीलिंग,बंजर तथा नदी- नालों तक की जमीनों पर अवैध रूप से अपने-अपने रकबो में मिलाकर खरीद फरोख्त कर रहे हैं।इलाके में कॉलोनियों के निर्माण कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। इनमें अधिकांश कॉलोनियों का विनियमित क्षेत्र से न तो नक्शा पास है और न ही उन्हें निर्धारित मानक के अनुरूप बनाया गया है।गौरतलब है कि सरकार द्वारा बनाया गया रियल एस्टेट अधिनियम, 2016 यानी रेरा एक्ट का मकसद रियल एस्टेट से जुड़े लेन-देन में पारदर्शिता लाना,जवाबदेही बढ़ाना और घर तथा भूमि खरीदारों की सुरक्षा करना है।उन्होंने बताया कि प्लॉटिंग और जमीनों का विक्रय करने वाले हर व्यक्ति को रेरा एक्ट के तहत अनुमति लेना और क्रेता को प्लॉट के साथ बिजली,पानी,सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाएं देना अनिवार्य है।लेकिन ज्यादातर कारोबारी किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।जमीन कारोबारी मुख्य मार्गों से 10-10 किलोमीटर दूर खेतों के बीच प्लॉट काटकर बेच रहे हैं।जहां बिजली, पानी, सडक़ आदि की सुविधा नहीं है।प्लॉट विक्रय के बाद जब रजिस्ट्री की जाती है तब रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी होती है कि वे यह सुनिश्चित करें कि क्रेता को बिना मूलभूत सुविधा वाली कृषि भूमि का विक्रय तो नहीं किया जा रहा लेकिन अधिकारी किसी भी प्रकरण में इसकी जांच नहीं करते।इसके बाद डायवर्सन के समय एसडीएम और नामांतरण के समय तहसीलदार को भी इसकी जांच करनी चाहिए लेकिन वहां भी अधिकारी जांच नहीं करते जिसके चलते पूरे तहसील क्षेत्र में धड़ल्ले से कृषि भूमियों पर प्लॉटिंग करते हुए बिना मूलभूत सुविधाओं वाली जमीनों पर प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं।