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मुख्यमंत्री आवास देने के नाम पर हजारो रुपए की रिश्वत के मामले में सचिव निलंबित

मुख्यमंत्री आवास देने के नाम पर हजारो रुपए की रिश्वत के मामले में सचिव निलंबित

सचिव के निलंबन की कार्रवाई से ब्लॉक कार्यालय में मचा हड़कंप

पीलीभीत।विकासखंड बिलसंडा में दिव्यांगों को मुख्यमंत्री आवास देने के नाम पर हजारों रुपए की रिश्वत लिए जाने के मामले में जांच में दोषी पाए गए ग्राम पंचायत अधिकारी को आखिरकार पीडी की रिपोर्ट पर डीपीआरओ ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं सचिव के निलंबन की कार्रवाई से ब्लॉक कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।गौरतलब है मामला जनपद पीलीभीत के बिलसंडा ब्लॉक क्षेत्र का है।जहां मुख्य मंत्री आवास देने के नाम पर सचिव प्रकाश राम आर्य और उनके प्राइवेट असिस्टेंट सत्यम तिवारी पर रुपए लेने का दिव्यांगों ने आरोप लगाया था। रुपए लेन देन की बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खंड विकास अधिकारी अमित शुक्ला ने संज्ञान लिया और अधिकारियों की 3 सदस्यीय टीम बनाकर जांच बैठा दी और 3 दिन में मामले की रिपोर्ट तलब की थी कई दिन बीत जाने के बाद टीम ने बीडीओ को रिपोर्ट नहीं सौंपी जिसके चलते पीलीभीत के परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण शैलेंन व्यास ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी प्रकाश राम आर्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही जवाब न देने पर सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की बात कही।वहीं विभाग और सरकार की किरकिरी होते देख बीडीओ ने सख्त रुख अपना लिया और जांच टीम को अनुस्मरण पत्र जारी कर मामले की रिपोर्ट तलब की है। वहीं सूत्रों की माने तो कार्यवाही से बचने के लिए सचिव ने सफेद पोश लोगों का सहारा लेकर दिव्यांगों से लिए गए रुपए वापस करने सहित का पीड़ितों को भरोसा दिलाया है फिलहाल दिव्यांगों को आवास देने के नाम पर सचिव के प्राइवेट असिस्टेंट सत्यम तिवारी द्वारा प्रकाश राम आर्य के खाते में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भेजी गई धनराशि मामले के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पंचायत राज विभाग के निदेशक डीआरडीए शैलेंन व्यास के निर्देश पर डीपीआरओ ने ग्राम पंचायत अधिकारी प्रकाश राम आर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं अब देखना होगा दिव्यांगों से अवैध वसूली के मामले में सरकार की किरकिरी करने वालों पर कब एफआईआर दर्ज होगी।

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