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उत्तर प्रदेश

गाडगे यूथ बिग्रेड ने अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार के संबंध में सौंपा ज्ञापन

यूपी सरकार एवं प्रशाशन द्वारा असंवेदनशील एवं भेदभावकारी व्यवहार किए जाने का लगाया आरोप

गाडगे यूथ बिग्रेड ने अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार के संबंध में सौंपा ज्ञापन

यूपी सरकार एवं प्रशाशन द्वारा असंवेदनशील एवं भेदभावकारी व्यवहार किए जाने का लगाया आरोप

पीलीभीत।गाडगे यूथ बिग्रेड द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों पर हो रहे अत्याचार के संदर्भ में सौंपे गए ज्ञापन में, उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन पर असंवेदनशील व्यवहार का आरोप लगाया गया है। इस ज्ञापन में अनुसूचित जाति के लोगों खिलाफ हो रहे भेदभाव, अत्याचार और उनके अधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई गई है। गाडगे यूथ बिग्रेड ने राज्य सरकार से इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि दलित समुदाय को न्याय मिल सके और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके। ज्ञापन में बताया है कि आबादी के हिसाब से धोबी रजक जाति उत्तरप्रदेश की तीसरी बड़ी अनुसूचित जाति है। जो श्रमजीवी, शांतिप्रिय एवं उच्च साक्षरता वाली जाति है जो तेजी से अपने सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास की दिशा में बढ़ते हुए देश की तरक्की में अपना योगदान दे रही है। लेकिन विगत वर्षों में इस पर असामाजिक एवं रुढ़िवादी तत्वों द्वारा अत्याचार, शोषण एवं नृशंस हत्याओं की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मैं वर्ष 2025 में अभी हाल में धोबी रजक जाति के साथ होने वाली शोषण, हत्याओं एवं अन्य घटनाओं पर महोदय की सरकार के ‌द्वारा हमारे समाज के साथ प्रदर्शित असंवेदनशीलता और प्रशासन द्वारा किए जा रहे भेदभाव पर आपका ध्यान आकर्षित करवाना चाहता हूं जो कि निम्न है। ज्ञापन में बताया है कि धोबी समाज में पैदा हुए महान संत गाडगे महराज जी जिनकी शिक्षाओं और विचारों से प्रेरणा लेकर समाज आगे बढ़ रहा है और आत्मसम्मान, स्वाभिमान एवं गर्व की अनुभूति करता है। प्रत्येक वर्ष 23 फरवरी को पूरे देश में धूमधाम से मनाता है। इस जयंती कार्यक्रम में नौकरी पेशा एवं छात्र छात्राएं भी बड़े पैमाने पर भाग लेते हैं। लेकिन सरकारी छुट्टी नहीं होने से बहुत से लोग इसमें भाग नहीं ले पाते हैं। समाज के लोग सालों से इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन उत्तरप्रदेश की सरकार ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है। इसी वर्ष माननीय मुख्यमंत्री जी ने संत रविदास जयंती पर सरकारी छुट्टी की घोषणा की है। लेकिन धोबी समाज ‌द्वारा आयोजित 149वीं संत गाडगे जयंती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर भाग लेने के बावजूद महोदय ने समाज की लंबे समय से लंबित मांग पर ध्यान नहीं दिया है। इस संबंध में समाज आपसे सरकारी छुट्टी की मांग करता है। व बदायूं जिले में वहां की नगर पालिका परिषद द्वारा धोबी समाज की मांग पर सदन में प्रस्ताव पास करवाकर एवं कमिश्नर महोदय से अप्रूवल के बाद मीरा की चौकी पर संत गाडगे जी की प्रतिमा की स्थापना एवं अनावरण होना था। सारी तैयारियां हो चुकी थी लेकिन 23 फरवरी के दिन पहले से तय संत गाडगे महराज की प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम को बिना किसी ठोस कारण बताए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया। जिससे बदायूं जिले के धोवी समाज के साथ साथ पूरे प्रदेश एवं देश भर के समाज में भारी रोष व्याप्त है।मांग है कि कि इस पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच करवा कर दोषी अधिकारियों को दंडित कराएं एवं संत गाडगे महराज जी की प्रतिमा की ससम्मान स्थापना एवं अनावरण कराने की कृपा करें। व धोबी समाज से आने वाली डिप्टी जेलर मौना कनौजिया जी जो कि विगत में वाराणसी में जेल में तैनात थी और वर्तमान में नैनी प्रयागराज में संबद्ध की गई हैं के साथ वाराणसी जैल के जेलर उमेश सिंह ने जातिगत टिपण्णी एवं अन्य दुव्र्यवहार किया जिससे एक महिला अधिकारी की गरिमा को चोट पहुंची जिससे क्षुब्द होकर वह आत्महत्या जैसे मानसिक क्षोभ से गुजर रही है। उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों सहित आपको भी मामले की लिखित शिकायत की है जिस पर सरकार एवं जेल विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। शिकायत से नाराज होकर जेलर उमेश सिंह ने मौना कनौजिया जी के कैरियर और जीवन को बर्बाद करने की धमकी भी दी है। डिप्टी जेलर मीना कनौजिया जी के साथ हो रहे जातीय और प्रशासनिक भेदभाव से पूरे धोबी समाज में गुस्सा है। अतः महोदय से शोषणकर्ता जेलर उमेश सिंह के खिलाफ पूरा धोबी समाज कड़ी कार्यवाही की मांग करता है। साथ हीं कौशांबी जिले में चायल थाना अंतर्गत काजू गांव में 45 वर्षीय संगीता पत्नी संगम लाल एवं 22 वर्षीय सर्वजीत पुत्र संगम लाल की घर में घुस कर कुल्हाड़ी और गंडासे से बर्बरता पूर्वक हत्या की गई है। महोदय से निवेदन है कि इस तरह के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चलाया जाए ताकि हत्यारों को समयबद्ध ढंग से फांसी की सजा दिलाई जा सके। साथ ही उपरोक्त परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर है। मां और बड़े बेटे की हल्या के बाद पूरी तरह से बिखर गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि इस परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और छोटे बेटे को सरकारी नौकरी की घोषणा करके इस परिवार को पुनः मुख्यधारा में लाने में सहयोग करने की मांग की गई है।

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