ज्ञापन न लेने से नाराज़ भारतीय किसान यूनियन भानू का रोड मार्च, मिलावटखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई आवाज

ज्ञापन न लेने से नाराज़ भारतीय किसान यूनियन भानू का रोड मार्च, मिलावटखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई आवाज
पीलीभीत।भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने आज एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर पीलीभीत की सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के कार्यकर्ताओं ने डिग्री कॉलेज चौराहा रेलवे क्रॉसिंग से लेकर तहसील तक रोड मार्च कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। यह आंदोलन उस वक्त तेज हुआ जब मासिक पंचायत में अधिकारियों के अनुपस्थित रहने से नाराज किसानों ने सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया। लंबे समय तक प्रतीक्षा के बाद जब कोई अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आया, तो प्रदर्शनकारियों ने अपना रोष जताते हुए नायब तहसीलदार को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा, जो जिलाधिकारी पीलीभीत को संबोधित था। इस आंदोलन की अध्यक्षता संगठन के जिला अध्यक्ष भजनलाल क्रोधी ने की जबकि संचालन जिला मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र कुमार गुप्ता द्वारा किया गया। अपने संबोधन में भजनलाल क्रोधी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) कई बार अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दे चुकी है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और अनदेखी के कारण कोई समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि जनपद में मिलावटखोरी का व्यापार फल-फूल रहा है और जिला खाद्य निरीक्षक की मिलीभगत से जनता को शुद्ध खाद्य सामग्री की जगह मिलावटी और हानिकारक उत्पाद बेचे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोटी रकम लेकर जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। क्रोधी ने मांग की कि मिलावटखोरी और भ्रष्टाचार पर तत्काल रोक लगाई जाए ताकि जनता की सेहत और किसानों की फसलें सुरक्षित रह सकें। प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ किसान नेता चिंटू ठाकुर ने मंडी समिति की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सब्जी और फल बेचने वाले किसानों के लिए बनाए गए नीलामी चबूतरों को व्यापारियों के साथ मिलीभगत कर बंद कर दिया गया है, जिससे किसान खुले आसमान के नीचे, धूप और बारिश में मजबूरन अपनी उपज बेचने को विवश हैं। उन्होंने इन चबूतरों को तत्काल प्रभाव से खाली कराने की मांग की।
पंचायत में निसार शाह को सर्वसम्मति से भारतीय किसान यूनियन भानू का अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस मौके पर अन्य कई नेताओं ने भी अपनी-अपनी बातें रखीं। मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र कुमार गुप्ता ने कहा कि सब्जी मंडी में केला पकाने के लिए जो अवैध प्लांट चल रहा है, उससे लोगों की सेहत को खतरा है और प्रशासन को तत्काल इसकी जांच कराकर दोषी व्यापारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।जिला उपाध्यक्ष बाबू राम वर्मा ने बाल पुष्टाहार योजना में चल रही भारी गड़बड़ियों को उजागर किया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। किसान नेता जाहिद नूर सिद्दीकी ने अवैध मिट्टी खनन पर चिंता जताते हुए कहा कि जिला खनन अधिकारी और अन्य जिम्मेदारों की मिलीभगत से जिले में अवैध खनन बेधड़क जारी है, जिससे पर्यावरण और खेती दोनों को नुकसान हो रहा है।तहसील अध्यक्ष रामगोपाल प्रजापति ने पुलिस थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि आमजन की रिपोर्ट दर्ज करने में टालमटोल की जाती है, जबकि फर्जी मामलों में निर्दोषों को फंसा दिया जाता है। उन्होंने प्रशासन से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की।तहसील अध्यक्ष नंदकिशोर राठौर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में हो रहे फर्जीवाड़े का मुद्दा उठाया और रोजगार सेवकों, प्रधानों तथा सचिवों की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग की।जिला सचिव डालचंद मौर्य ने बीसलपुर रोड स्थित रूपपुर कृपा की मोदी फैक्ट्री से फैल रहे प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि फैक्ट्री का धुआं और राख किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रही है और आसपास के गांवों के लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। साथ ही आरोप लगाया कि फैक्ट्री में रिफाइंड तेल बनाने में घटिया सामग्री और पाम ऑयल की मिलावट की जा रही है, जिससे जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने फैक्ट्री को बंद कराने और कड़ी जांच की मांग की।संचित दीक्षित ने घरौनी अंश निर्धारण और किसान रजिस्ट्रेशन में लिपिकों द्वारा की जा रही अनियमितताओं की शिकायत की। उन्होंने कहा कि नाम और अक्षरों की त्रुटियों के नाम पर किसानों का शोषण किया जा रहा है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। साथ ही घरौनी से वंचित पात्र लोगों को शीघ्र घरौनी उपलब्ध कराने की मांग की।इस आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान और पदाधिकारी शामिल रहे।