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उत्तर प्रदेश

महुआ गुंदे गांव में आरसीसी सड़क निर्माण में घोटाले पर डीएम ने बिठाई जांच

प्रधान,सचिव और जेई पर भ्रष्टाचार का आरोप,दो सदस्यीय टीम करेगी जांच

महुआ गुंदे गांव में आरसीसी सड़क निर्माण में घोटाले पर डीएम ने बिठाई जांच

प्रधान,सचिव और जेई पर भ्रष्टाचार का आरोप,दो सदस्यीय टीम करेगी जांच

पूरनपुर,पीलीभीत।पूरनपुर ब्लॉक के महुआ गुंदे गांव में आरसीसी सड़क निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। महुआ गुंदे गांव निवासी ऋषभ पांडेय ने गांव में बनाई गई सीसी रोड के निर्माण में अनियमितता बरतने जाने की ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी।बताते हैं कि शिकायत के बाद हुई जांच में सीसी रोड के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जाना पाया गया था।इसके बावजूद दोषी ग्राम प्रधान, सचिव आदि पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।इस पर शिकायतकर्ता ने दोबारा डीएम से शपथ पत्र सहित शिकायत करते हुए ग्राम प्रधान,जेई और सचिव पर कार्रवाई कर धनराशि की रिकवरी कराए जाने की मांग की।जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्राम प्रधान,पंचायत सचिव और जूनियर इंजीनियर (जेई) के खिलाफ जांच बैठा दी है।एक युवक द्वारा शिकायत जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि गांव में बनाई जा रही आरसीसी सड़क में जमकर घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है।निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी की गई और सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए तो उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया।जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय विशेष टीम गठित कर दी है, जो मौके पर जाकर सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच करेगी।टीम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।गांव के लोगों में इस घोटाले को लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है और जनता के पैसों को लूटा जा रहा है। गांव निवासी ऋषभ पाण्डेय ने बताया है कि सड़क के नाम पर सिर्फ दिखावा किया गया है,और सरकारी धन हड़पा गया है। सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम जल्द ही गांव का दौरा कर निर्माण स्थल का निरीक्षण करेगी। यदि आरोप सही पाए गए तो संबंधित अधिकारियों पर निलंबन से लेकर एफआईआर तक की कार्रवाई संभव है। जिलाधिकारी ने दिया सख्त संदेश
जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जनहित के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि अन्य विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

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