मंदिर के लिए रास्ते की कवायद शुरु, डीएम ने पहुंचकर खेत स्वामियों से की वार्ता, पूर्व चेयरमैन पुत्र ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था मामला

मंदिर के लिए रास्ते की कवायद शुरु, डीएम ने पहुंचकर खेत स्वामियों से की वार्ता, पूर्व चेयरमैन पुत्र ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था मामला
कलीनगर, पीलीभीत। मंदिर तक पहुंचने के लिए रास्ते की कवायत तेज हो गई है। डीएम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण क्या नक्शे में चकरोड न होने पर खेत स्वामियों से वार्ता की है। तहसीलदार की मौजूदगी में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम खेतों की पैमाइश का रास्ता खोजेगी। चार दिन पहले चेयरमैन पुत्र ने मुख्यमंत्री से मिलकर मामले की शिकायत की थी। कलीनगर वार्ड 8 के उत्तर दिशा में स्थित यह स्थल अब देवी स्थान मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां रोजाना श्रद्धालु पूजा पाठ करने पहुंचते हैं।पूर्णमासी, अमावस्या के अलावा शिवरात्रि, बट वृक्ष पूजा नवरात्रि पर यहां काफी भीड़ होती है। हवन पूजन के साथ भंडारे भी होते हैं। मुख्य मार्ग से धार्मिक स्थल को जाने के लिए रास्ते ना होने से यहां पगडंडी से ही श्रद्धालु गुजरते हैं। इससे अक्सर हादसे का खतरा रहता है। धार्मिक स्थल तक दो पहिया व चार पहिया वाहन न पहुंचने से लोगों को पूजा पाठ और भंडारे का सामान ले जाने में काफी दिक्कत होती है। कलीनगर की पूर्व चेयरमैन अनीता कैलाश सक्सेना के पुत्र नवनीत सक्सेना ने 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री से मिलकर धार्मिक स्थल तक जाने को मार्ग, रजिस्ट्री दफ्तर व अस्पताल निर्माण की मांग की थी।
बुधवार जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने एसडीएम के साथ धार्मिक स्थल को जाने वाले मार्ग को लेकर खेत स्वामियों से वार्ता की। तहसीलदार की मौजूदगी में कानूनगो और लेखपाल सहित पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम धार्मिक स्थल के आसपास खेतों की पैमाइश कर रास्ते का विकल्प खोजेगी। इसकी मॉनिटरिंग एसडीएम महिपाल सिंह करेंगे। तीन दिन पहले कलीनगर तहसीलदार वीरेंद्र कुमार ने मंदिर तक जाने का रास्ता के लिए खेत स्वामियों से बातचीत की है। उन्होंने स्वच्छा से मंदिर को जाने के लिए रास्ता देने की अपील भी की थी। इस दौरान खेत स्वामियों ने आपस में बातचीत के बाद निष्कर्ष निकालने का आश्वासन दिया था। कलीनगर एसडीएम महिपाल सिंह ने बताया नक्शे में मंदिर तक जाने के लिए चकरोड नहीं है। तहसीलदार की मौजूदगी में एक टीम गठित की गई है। पैमाइश के बाद किसानों से आपसी सहमति से चकरोड की व्यवस्था की जाएगी।