बच्चों को अच्छी और ऊंची शिक्षा के सपनों को कुचल रही महगांई की मार
शिक्षा की महगाई में डूबते जा रहे अभिभावक, बच्चों को पढ़ाना हो रहा मुश्किल

पूरनपुर क्षेत्र में चल रहे मानक विहीन स्कूलों पर विभाग आखिर कब करेगा कार्रवाई
पूरनपुर, पीलीभीत।
नए शिक्षा सत्र में बच्चों के अभिभावकों को पाठ्य सामग्री के दाम अधिक चुकाने पड़ेंगे। स्कूली फीस से लेकर किताबों व कॉपियों के मूल्यों में हुई बढ़ोतरी के साथ टैक्सी व स्कूल बस के किराए में वृद्धि ने अभिभावकों को परेशानी में डाल दिया है।गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष करीब बीस प्रतिशत से अधिक पढ़ाई महंगी होने से अभिभावकों का बजट गड़बड़ा रहा है। महंगाई का असर फीस, टिफिन, बैग, यूनिफार्म से लेकर स्टेशनरी पर भी पड़ा है। नए सत्र से कई निजी स्कूलों ने मनमर्जी से फीस भी वृद्धि की है मगर उनको हकीकत पूछने पर स्कूल संचालक इनकार कर रहे हैं।आज के जमाने में अपने बच्चों को पढ़ाना बड़ा कठिन हो गया है एक तरफ तो मंहगाई ओर उपर से स्कूलों की मन मानी!सरकार भले ही नई शिक्षा नीति से तमाम परिवर्तन का ढिंढोरा पीट रही हो, लेकिन निजी स्कूलों की निगरानी का कोई तंत्र नहीं है।पूरनपुर तहसील क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्राईवेट स्कूल संचलित हो रहे है। कई स्कूल ऐसे है जिनकी मान्यता कक्षा 5 से 8 तक की है। लेकिन ऐसे स्कूलों में हाईस्कूल से इंटर तक कक्षाएं संचालित हो रही है। इसको लेकर अभिभावक शिक्षा की बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। वही किताबों, स्टेशनरी और अन्य शैक्षिक सामग्री की कीमतें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं, जिससे गरीब परिवारों के लिए अपने बच्चों को शिक्षा देना मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, शिक्षा का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से सरकारी योजनाओं का दावा किया जाता है, लेकिन जमीन पर हालत इससे बहुत अलग हैं।पूरनपुर क्षेत्र में कुछ निजी स्कूलों के बारे में शिकायतें मिली हैं कि वे मानक के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं और छात्रों को उचित शिक्षा नहीं प्रदान कर रहे हैं। ये स्कूल न तो अच्छे शिक्षक प्रदान कर रहे हैं, न ही बच्चों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण बना पा रहे हैं। ऐसे स्कूलों पर विभाग की कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि, अब तक इन पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। अभिभावक लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि सरकारी विभाग इन मानक विहीन स्कूलों पर कब कार्रवाई करेगा, ताकि उनके बच्चों को एक बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। इसके साथ ही, उन्हें यह भी चिंता है कि शिक्षा की महंगाई की वजह से वे अपने बच्चों को पढ़ाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
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शिक्षा की महंगाई से बढ़ रही दिक्कतें
पूरनपुर क्षेत्र के अभिभावकों का कहना है कि शिक्षा के खर्च में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्कूलों की फीस में वृद्धि, किताबों की महंगाई और अन्य शैक्षिक सामग्री की कीमतें कई परिवारों के लिए बोझ बन चुकी हैं। खासकर उन परिवारों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना अब एक कठिन कार्य बन गया है। नाम न छापने की शर्त पर एक अभिभावक ने बताया कि “हमारे लिए बच्चों को स्कूल भेजना अब बहुत महंगा हो गया है। हर साल फीस बढ़ाई जाती है, किताबों और कॉपी की कीमतें भी बढ़ रही हैं। हमारे पास सीमित आय है, ऐसे में हम बच्चों को पढ़ाने में परेशान हो जाते हैं,”
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मानक विहीन स्कूलों की समस्या
पूरनपुर क्षेत्र में कई निजी स्कूलों के बारे में शिकायतें मिल रही हैं कि ये स्कूल मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। इन स्कूलों में न तो योग्य शिक्षक हैं, न ही छात्रों को सुरक्षित और आधुनिक शैक्षिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं की कमी, जैसे साफ-सफाई, उचित शौचालय, खेल-कूद की सुविधाएं और सुरक्षित परिवहन, छात्रों के लिए गंभीर खतरे का कारण बन रहे हैं।
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दम तोड़ती नजर आ रही सरकार की योजनाओं की स्थिति
सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनके तहत बच्चों को मुफ्त किताबें, स्कॉलरशिप और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन ज़मीनी स्तर पर इन योजनाओं का असर बहुत सीमित दिखाई दे रहा है। सरकार की योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई हैं, जबकि वास्तविकता में गरीब और मजदूर वर्ग के बच्चों के लिए यह योजनाएं किसी प्रकार की मदद नहीं कर पा रही हैं।
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बच्चों के भविष्य की चिंता पर भी खड़े हो रहे सवाल
पूरनपुर क्षेत्र के अभिभावकों का मानना है कि अगर सरकार और शिक्षा विभाग ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिलना और भी मुश्किल हो जाएगा। आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि गरीब और सामान्य वर्ग के बच्चों को भी एक बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।पूरनपुर क्षेत्र के अभिभावक अब उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस गंभीर समस्या का समाधान निकाले और बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का वातावरण बनाएं
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