विदेश भेजनें के नाम पर पीलीभीत के युवक से 4 लाख 11 हजार की ठगी
खीरी जिले के पलिया स्थित सेनरजी इमिग्रेशन ने छात्र को विदेश भेजनें का दिया झांसा

पीड़ित युवक ने खीरी पुलिस व पीलीभीत पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
पूरनपुर, पीलीभीत।
जिले के एक युवक के साथ लंदन में स्टडी वीजा दिलवाने के नाम पर 4 लाख 11 हजार रुपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि खीरी जिले के पलिया कस्बे में स्थित “सेनरजी इमिग्रेशन सेंटर” के संचालकों ने युवक को विदेश भेजने के नाम पर न केवल उससे भारी रकम वसूली, बल्कि इसके बदले में उसे वीजा दिलाने का कोई ठोस आश्वासन भी नहीं दिया। जब पीड़ित युवक ने अपनी रकम वापस मांगी, तो उसे धमकी दी गई और परेशान किया गया। इस मामले को लेकर युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के बबरौआ गांव निवासी विपुल कुमार ने बताया कि उसने दो साल पहले सेनरजी इमिग्रेशन सेंटर से संपर्क किया था, जहां उसे लंदन में उच्च शिक्षा के लिए स्टडी वीजा दिलवाने का वादा किया गया था। सेंटर के संचालकों ने युवक से वीजा प्रक्रिया के लिए 4 लाख 11 हजार रुपये की रकम वसूल की और उसे भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही वीजा प्राप्त कर लेगा।युवक ने आरोप लगाया कि सेंटर संचालकों ने वीजा प्रक्रिया के नाम पर उससे चेकबुक, एटीएम पासबुक और जिओ के सिम कार्ड भी ले लिए थे। शुरुआत में तो युवक को यह सब एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा लगा, लेकिन बाद में जब उसने अपने पैसे वापस मांगे और वीजा की स्थिति के बारे में जानकारी ली, तो उसे कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इसके बाद, जब युवक ने बार-बार पैसे लौटाने की मांग की, तो सेंटर संचालकों ने उसे धमकी देनी शुरू कर दी।
पीड़ित युवक ने कहा, “जब मैंने अपनी रकम वापस मांगी, तो सेंटर के संचालकों ने मुझे गाली-गलौज करते हुए धमकी दी और कहा कि अगर मैंने इस बारे में किसी से बात की तो वह मेरी जीवनभर की पढ़ाई को खत्म कर देंगे। इसके बाद से मुझे डर महसूस होने लगा और मुझे यह समझ में आ गया कि मैंने ठगी का शिकार हो चुका हूँ।”युवक ने अपनी पूरी आपबीती बताते हुए कहा कि उसके पास सेंटर के संचालकों द्वारा लिए गए दस्तावेज और कागजात भी हैं, जो उसकी शिकायत के समर्थन में हैं। उसने अपनी शिकायत खीरी जिले के पलिया कोतवाली में दर्ज कराई है, जहां पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह मामला जैसे ही सार्वजनिक हुआ, स्थानीय लोगों का गुस्सा उबाल पर आ गया। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों में जल्द कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि अन्य लोग इस तरह के जालसाजी का शिकार न हों। कई स्थानीय नागरिकों ने इस सेंटर के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की अपील की है।स्थानीय व्यापारियों और छात्रों के बीच इस घटना ने असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है, क्योंकि इस सेंटर के पास वीजा से संबंधित कई छात्रों के दस्तावेज भी हैं। इस मामले में पुलिस विभाग ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वही पुलिस अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पर जांच तेज कर दी है। पलिया कोतवाली पुलिस का कहना कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। और जल्द ही मामले कि जांच पड़ताल के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।पुलिस ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की ठगी से बचा जा सके।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद, पीड़ित युवक ने पुलिस प्रशासन से उम्मीद जताई है कि उसे न्याय मिलेगा और आरोपी जल्द ही कानून की गिरफ्त में होंगे। इसके साथ ही उसने अन्य युवाओं को भी चेतावनी दी है कि वह किसी भी एजेंट या सेंटर से संपर्क करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त कर लें, ताकि वे ठगी का शिकार न हों।यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि स्टडी वीजा, विदेश में शिक्षा और रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं। इससे न केवल पीड़ितों का भविष्य खतरे में पड़ता है, बल्कि उनकी मेहनत और पैसे भी बर्बाद हो जाते हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन से यह मांग की जा रही है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और इस तरह के गैरकानूनी सेंटरों पर कड़ी नजर रखी जाए।
यह मामला केवल एक युवक की ठगी का नहीं, बल्कि ऐसे कई युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने का मामला बन चुका है। युवाओं को विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए कई बार अवैध एजेंटों के जाल में फंसने की आदत हो गई है, जो कि उनके भविष्य के लिए खतरे की घंटी बन जाती है। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं और आशा है कि जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और पीड़ित युवक को न्याय मिलेगा।