उत्तर प्रदेश
सिद्धनगर में लाखों की योजनाओं को डकार गए प्रधान,ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
शिकायत पर जांच लंबित, प्रशासन की चुप्पी पर भड़के लोग,अनशन की चेतावनी

सिद्धनगर में लाखों की योजनाओं को डकार गए प्रधान,ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
शिकायत पर जांच लंबित, प्रशासन की चुप्पी पर भड़के लोग,अनशन की चेतावनी
पूरनपुर,पीलीभीत।सिद्धनगर गांव में विकास कार्यों के नाम पर बड़ा घोटाला उजागर हुआ है।प्रधान नेसरकारी योजनाओं के लाखों रुपये डकार लिए गए।ग्रामीणों ने इसका खुलासा करते हुए कहा कि शौचालय, सोलर लाइट,सड़क और मनरेगा मजदूरी जैसे तमाम कार्यों में हेराफेरी हुई है।इसके बाद ग्रामीणों में मोर्चा खोल दिया और शपथ पत्र के साथ शिकायत की शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि गांव में 24 सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए भुगतान किया गया, लेकिन हकीकत में एक भी लाइट नहीं लगी। इंटरलॉकिंग सड़क अधूरी पड़ी है,लेकिन पूरा बजट निकाल लिया गया। मनरेगा के तहत मजदूरों को भुगतान हुआ, लेकिन काम हुआ ही नहीं। पंचायत सहायक की तैनाती फर्जी तरीके से कागजों में दिखाकर वेतन उठाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान की जुगलबंदी से सरकारी धन की जमकर बंदरबांट हुई है।ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जिलाधिकारी से कई बार शिकायत की, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ फाइलें इधर-उधर घुमाई जा रही हैं।भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।अब गांव वालों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो वे पंचायत भवन पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
(भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी)
ग्रामीणों ने तय किया है कि वो जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च करेंगे और प्रशासन को घेरेंगे। उनका कहना है कि यदि भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश की गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा।ग्रामीणों की मांग है कि प्रधान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए,ताकि विकास कार्यों में पारदर्शिता आ सके।उनका कहना है कि सरकार गांवों के विकास के लिए करोड़ों रुपये भेज रही है,लेकिन भ्रष्ट अफसरों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से गरीबों का हक लूटा जा रहा है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस घोटालेबाज प्रधना पर शिकंजा कसेगा या फिर हमेशा की तरह भ्रष्टाचार की फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी जाएंगी।