संकट चतुर्थी व्रत:माताओं ने व्रत रखकर की पुत्रों की दीर्घायु की कामना

गुड़ और तिल का प्रसाद बनाकर की भगवान गणेश की आराधना
बिलसंडा/पीलीभीत – नगर व क्षेत्र के में संकट चतुर्थी व्रत पर्व बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया।इस माताओं ने व्रत रखकर अपने पुत्रों के दीर्घायु की कामना की।संकट चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है।इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की आराधना करती हैं।विधि पूर्वक गणेश भगवान का पूजन किया जाता है।शाम के समय तिल और गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाकर व्रत कथा पढ़ती हैं।और तिल गुड़ से बकरा बनाकर अपने बच्चों के हाथों से कटवाती हैं।जिससे बच्चों के संकट दूर ही जाते हैं ।

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक राजा के राज्य में एक कुम्हार रहता था।कई बार प्रयास करने के बाद भी उसके बर्तन कच्चे रह जा रहे थे।उसने यह बात एक पुजारी को बताई।पुजारी ने बताया कि किसी छोटे बच्चे की बलि से यह समस्या दूर हो सकती है।जिसके बाद कुम्हार ने एक छोटे बच्चे को पकड़कर आवां में डाल दिया।उस दिन संकट चतुर्थी का दिन था।बच्चे को काफी खोजने के बाद जब उस बच्चे की मां को उसका बेटा नहीं मिला तब भगवान गणेश के सामने सच्चे मन से प्रार्थना की।सुबह के समय जब कुम्हार ने आवां खोला तो उसमें रखे सारे वर्तन पक गए थे।और बच्चा भी सुरक्षित था।मान्यता है कि तभी से माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए संकट चतुर्थी के दिन व्रत रखकर तिल और गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करती हैं।