शिक्षा से हमें समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए कर्मठता,संघटनशीलता और सामाजिक ज़िम्मेदारी की भावना मिलती है:मुफ्ती साजिद हसनी

शिक्षा से हमें समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए कर्मठता,संघटनशीलता और सामाजिक ज़िम्मेदारी की भावना मिलती है:मुफ्ती साजिद हसनी
पीलीभीत।अंजुमन गुलामाने हज़रत अब्दुर्रहमान शाह वली की ओर से हर साल की तरह इस साल भी ग्राम पंचायत गोच खमडिया पुल में 87 वां उर्से अब्दुर्रहमान शाह मियां धूमधाम से मनाया गया।जहाँ कुरान की तिलावत के साथ उर्स की शुरुआत मौलाना इफ्तिखार अहमद रजवी इमाम नूरी मस्जिद ने किया वकारे मिल्लत हजरत मौलाना सय्यद असलम मियां वामिकी अशरफी बरेली ने सरपरस्ती की संचालन मौलाना गुलाम मुस्तफा अशरफी इमाम इमामे रब्बानी मस्जिद किछौछा शरीफ जबकि अध्यक्षता मुख्य अतिथि मशहूर स्कालर लेखक गोल्डमेडलिस्ट मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने की।87 वा उर्स ए अब्दुर्रहमान शाह वली गोच में आए मुख्य अतिथि बरेली मंडल के मशहूर लेखक खलीफा ए शैखुल इस्लाम गोल्डमेडलिस्ट मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने सैकडो लोगों को हेलमेट व सीटबेल्ट पहनकर कर वाहन चलाने की शपथ दिलाई।वहीं यह भी शपथ दिलाई के शादियों में बैन्ड बाजा डीजे नहीं बढ़ाएगे और बगैर दहेज़ के शादियाँ करेगें।
उन्होंने कहा कि तालीमी बेदारी पर काम करना एक अज़ीम काम है जो इन खानकाहो की क्यादत मे उभर कर पूरी दुनिया में छा सकता हैं।हिंदुस्तान की
उर्स अब्दुर्रहम्मन शाह रहमतुल्लाह अलैह में
एक बार फिर से एक नया साल शुरू हो गया है।इफ्लास को दूर करने की कोशिस करे तो हिंदुस्तान से मुसलमानो का इल्मी इफ्लास दूर हो जायेगा।खानकाहो और दरसगाहो का रिश्ता तो बहुत पुराना है हर खानकाहों से हिंदुस्तान में एक यूनिवर्सिटी बन सकती हैं।
सैकड़ों खानकाहे सैकडों यूनिवर्सिटियो को जन्म दे सकती हैं।मगर अफ्सोस कि रह गई रस्में अदा रूहे बेदारी ना रही फ्ल्सफ रह गया तनकिने गजाली न रही।काश खानकाहे बेदार हो जाती हमे अपने अस्लाफ की रिवायतो को इल्मी बुनियाद पर जिंदा रखने के लिए मुसलसल काम करना होगा।हाल के दहाईयों के अंदर कुछ खानकाहो मे तालीमी बेदारी नज़र आ रही हैं,चिश्ती खानकाहे अशरफिया किछौछा शरीफव खानकाहे अशरफिया वामिकिया खानकाहे रजविया बरकातिया ने मुहिम छेड़ रखी हैं और खुद भी तालीम को आम करने तालीमी निज़ाम को मजबूत व मुस्तहकम करने और ज्यादा
से ज्यादा मुफीद बनाने में अपनी भरपूर तवानाइया सर्फ कर रहे है।खानका बरकातिया के सज़्ज़ादा नशीन प्रोफेसर सैयद शाह मोहम्मद अमीन मियां कादरी बरकाती साहब कौम के नाम अपने एक पैगाम मे अपनी फिक्र मन्दी और दिल शोजी के जज़्बे का इज़हार फरमाते हुए कहते है कि अपने बच्चो को सही परवारिश करे अच्छी तालीमी दे और उसे अच्छी तरबियत दे तालीम के फारोग के लिए कोशा रहे। बरकाती खानका का पैगाम भी ये है कि आधी रोटी खाओ बच्चो को पढाओ काश यही पैगाम हर खानका से बुलंद हो तो फिर उम्माते मुसलिमा मे एक खुशग्वार तालीमी इंकलाब बेदार होने मे देर नही लगेगी। मौलाना सय्यद असलम मियां वामिकी जिलानी ने सीरत ए अब्दुर्रहमान शाह मियां में तकरीर करते हुए कहा कि मुसलमानों को सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए 7/8/9/दिसंबर में कुल शरीफ में सय्यद असलम मियां वामिकी ने मुल्क में अमन अमान की दुआ की।मौलाना गुलाम मुस्तफा अशरफी मुफ्ती रिजवान अशरफी शायरे इस्लाम आजम तहसीनी,अशहर बरेलवी मौलाना जाबिर,मोहम्मद अफ़जाल अहमद,नाजिर हुसैन,मोहम्मद अलीम,मोहम्मद हनीफ,हाजी मकबूल अहमद,रफी अहमद,मोहम्मद युसूफ अशरफी,जा़किर मकसूदी,अमानत हुसैन
मोहम्मद हसन,सिद्दीक अहमद इज़हार अशरफ़,शकूर पेन्टर आदि लोग मौजूद रहे