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सेहरामऊ उत्तरी इंस्पेक्टर के ट्रांसफर के बाद क्षेत्र में अवैध कार्यों में संलिप्त लोग सक्रिय इंस्पेक्टर मृदुलकांत शुक्ला ने नहीं दी थी क्षेत्र के माफ़ियाओं को तबज्जो

सवाल? क्या साजिश के तहत किया गया इंस्पेक्टर का ट्रांसफर, क्षेत्रीय लोगों में हो रही चर्चाएं

सवाल? क्या साजिश के तहत किया गया इंस्पेक्टर का ट्रांसफर, क्षेत्रीय लोगों में हो रही चर्चाएं

 

पूरनपुर, पीलीभीत।
ग्रामीणों द्वारा गोवंश तस्करी के आरोप में पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किए गए। मामले की जांच पड़ताल करने के बाद आरोपी को भैंस खरीदार बताना सेहरामऊ इंस्पेक्टर मृदुल कांत शुक्ला को महंगा पड़ गया। जबकि सच्चाई यही थी,इस मामले को लेकर संगठनों की तरफ़ से हुई शिकायत के बाद एक्शन लेते हुए एसपी अविनाश पांडेय ने इंस्पेक्टर सेहरामऊ उत्तरी को थाने से हटा दिया है। उनकी जगह पर इंस्पेक्टर संजय कुमार को थाने का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है। बताया जाता है कि इंस्पेक्टर संजय कुमार भी एक ईमानदार और सज्जन व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान रखते है। वह कुछ साल पहले भी इस थाने पर बतौर एसएसआई रह चुके है लेकिन पूर्व इंस्पेक्टर के ट्रांसफर के बाद क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाएं होने लगी है। लोगों का कहना है कि साजिश के तहत ईमानदार सिद्धांतवादी इंस्पेक्टर का तबादला किया गया है।फिलहाल अब थाना क्षेत्र की कमान निरिक्षक संजय कुमार के हाथ है। सेहरामऊ उत्तरी थाने की कमान महज कुछ दिनों पहले ही माधोटांडा थाने से स्थानांतरित होकर आए इंस्पेक्टर मृदुलकांत शुक्ला को सेहरामऊ उतरी थाने का चार्ज दिया गया था। चार्ज संभालने के बाद इंस्पेक्टर मृदुल कांत शुक्ला ने क्षेत्र में हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी व क्षेत्र के माफियाओं बिल्कुल तवज्जो नहीं दी। इसी से नाराज कुछ माफिया इंस्पेक्टर के खिलाफ होकर साजिश रचने लगे। बताते हैं इस साजिश में हाइवे पर तैनात एक चौकी इंचार्ज भी शामिल थे,पूर्व इंस्पेक्टर के ट्रांसफर के बाद माफियाओं ने चैन की सांस ली। व नवागत इंस्पेक्टर से संपर्क साधने के लिए थाने पहुंचने लगे।  महज कुछ दिनों में ही इंस्पेक्टर का चार्ज छिनने के बाद क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि पूर्व इंस्पेक्टर ने क्षेत्र में अपराधों पर अंकुश लगाने में अपनी अथक मेहनत से  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अपराधियों पर भी नकेल कसने का काम किया। आखिर सवाल उठता है कि क्यों एक ईमानदार और सिद्धांतवादी इंस्पेक्टर से थाने का चार्ज छीन लिया गया। लेकिन इंस्पेक्टर पर लगाए गए गौकश को बचाने के आरोप को क्षेत्र की जनता भी सिरे से नकार रही है। फिलहाल मामला कुछ भी हो लेकिन नाम न छापने की शर्त पर एक युवक ने बताया की जिस आरोप में इंस्पेक्टर से थाने का चार्ज छीना गया है वह मामला कुछ और ही था। नाम न छापने की शर्त पर बताने वाले युवक ने बताया कि शराब के नशे में एक गैर समुदाय का युवक भैंस खरीदने के लिए क्षेत्र के एक गांव में पहुंचा था। जहा उसे शराब के नशे में देखकर लोगों ने मारपीट की। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने 112 को कॉल कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। यह घटना 15 दिसंबर की बताई जा रही है। बताया जाता है कि काफी प्रयास के बाद कोई व्यक्ति चोरी की तहरीर देने को तैयार नहीं हुआ तो पकड़े गए व्यक्ति का शांतिभंग में चालान किया गया, ये कार्रवाई कुछ लोगों को नागवार गुजरी,मामले में इंस्पेक्टर पर गौकशी का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत एसपी से कर दी गई,इसके बाद एसपी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए इंस्पेक्टर को थाने से हटा दिया गया। लेकिन इंस्पेक्टर के ट्रांसफर के बाद क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। लोगों का कहना है कि एक ईमानदार और सिद्धांतवादी इंस्पेक्टर का तबादला क्यों किया गया। यह भी एक गहन जांच का विषय का है।

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