उत्तर प्रदेश

एक और दिव्यांग से की गई 10 हजार की पेशकश

मुख्यमंत्री आवास देने के नाम पर अवैध वसूली रुकने का नाम नहीं ले रही सचिव प्रकाश

एक और दिव्यांग से की गई 10 हजार की पेशकश

मुख्यमंत्री आवास देने के नाम पर अवैध वसूली रुकने का नाम नहीं ले रही

सचिव प्रकाश राम आर्य की मुसीबतें बढ़ती जा रही

पीलीभीतदिव्यांगों को आवास देने के नाम पर सचिव व उनके असिस्टेंट पर अवैध वसूली करने के आरोप का प्रकरण रुकने का नाम नहीं ले रहा है यहां एक और पीड़ित दिव्यांग ने कैमरे पर सचिव और उसके असिस्टेंट द्वारा आवास देने के नाम पर 10 हजार रुपए की डिमांड करने की आप बीती सुनाई।हालाकि दिव्यांगों से अवैध वसूली के मामले में दो सप्ताह से जांच से चल रही है।गौरतलब है बिलसंडा ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत सचिव प्रकाश राम आर्य व उनके प्राइवेट असिस्टेंट सत्यम तिवारी पर मुख्यमंत्री आवास देने के नाम पर दिव्यांगों से अवैध वसूली करने का आरोप लगा है। रिश्वत खोरी के कई वीडियो और सचिव प्रकाश राम आर्य के खाते में भेजी गई रकम के स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए। मामले में बीडीओ अमित शुक्ला ने संज्ञान लेकर जाँच बैठा दी। जिस पर बीडीओ ने जांच टीम को दो बार चिट्ठी लिखी। वहीं जिले के पीडी की फटकार बाद जाँच में तेजी तो लाई गई मगर सूत्रों की माने तो संबंधित को क्लीन चिट देने का फैसला कर लिया गया। वहीं पिपरिया सिंगीपुर के रहने वाले पीड़ित दिव्यांग मुकेश का कहना है उसका नाम आवास की पात्रता बाली सूची में है सचिव ने आवास देने के नाम पर उससे 10 हजार रुपए की डिमांड की गई जब पीड़ित ने रुपए न देने की बात कही तभी सचिव द्वारा कहा गया आवास आने बाला है रुपए न देने पर बाद में कुछ नहीं हो पाएगा। सरकार जहां एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त का नारा दे रही है तो वहीं पीलीभीत के बिलसंडा इलाके के दिव्यांगों से आवास के नाम पर अवैध वसूली किया जाना खुद में एक बड़ा सवाल है। वही बताया जा रहा है परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण शैलेन व्यास ने संबंधित सचिव के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजी गई है।

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