https://samacharbharat24.com/wp-content/uploads/2024/09/IMG_1725506445367.jpg
उत्तर प्रदेश

बिजली विभाग का कारनामा हुआ उजागर किसानों से लाखों रूपये ऐंठने का आरोप

बिजली विभाग का कारनामा हुआ उजागर किसानों से लाखों रूपये ऐंठने का आरोप

पीलीभीत। बिजली विभाग का गोरख धंधा सामने आया है।यहां दो किसानों से लाखों रुपए ऐंठकर विभाग ने बगैर स्टीमेट स्वीकृत कराए रातों रात लाइन बनाकर ट्यूबवेल चलाने के पावर कनेक्शन देकर आपूर्ति शुरू कर दी।मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खुद को फसता देख विभाग ने रातों रात बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर,लाइन सभी उखाड़ लिए।वहीं किसानों का आरोप है उनसे रुपए लेकर कनेक्शन की रसीद भी नहीं दी गई।मजे की बात यह है जिला मुख्यालय के स्टोर से दोनों किसानों के नाम का विभाग ने कोई भी बिजली का सामान जारी नहीं किया। वहीं एसडीओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।दरअसल मामला करेली थाना क्षेत्र के करेली बिजली हाइडिल का है। जहां के गांव मीरपुर ढकरिया के किसान भूपराम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जो बिजली विभाग की पोल खोलता नजर आ रहा है।

 

आरोप है करेली हाइडिल के लाइनमैन शिवराम ने उससे 1 लाख 30 हजार रुपए लेकर डबल पोल लगाकर ट्रांसफार्मर रखकर लाइन बना दी और ट्यूबवेल का कनेक्शन देकर आपूर्ति शुरू कर दी। इसी तरह से विभाग ने मीरपुर बिलासपुर के किसान बाबूराम से भी लाखों रुपए लेकर चपरौआ कुईया में ट्यूबवेल का कनेक्शन दे दिया। और 16 दिसंबर को बीती रात में खंभा और लाइन चोरी चुपके उखाड़ कर बिजली वाले ले गए। वहीं किसानों का आरोप है नहरों नहीं कनेक्शन की रसीदें भी नहीं दी गई। पूरे मामले में पीली भीत के स्टोर इंचार्ज का कहना है दोनों किसानों के नाम से कोई भी बिजली का सामान उनके यहां से नहीं भेजा गया। आखिर सवाल उठता है बगैर स्टीमेट पास हुए और स्टोर से बगैर सामान आए लाइन बनाकर कैसे पावर कनेक्शन देकर मोटरों को चलवा दिया गया। वहीं जेई राजेश कुमार और लाइन मैंन शिवराम का कारनामा उजागर होने से सरकार और विभाग की छवि जरूर धूमिल हो रही है। वहीं मामले में क्षेत्रीय एसडीओ सर्वेश सिंह ने जांच पूरी होने पर कार्यवाही करने की बात कही है। वहीं सूत्रों की माने तो जिम्मेदारों की मिली भगत से जैसे रातों रात पावर की लाइने बनाई गई थी और मामला उजागर होने पर उसी तरह आनन फानन में खंभों और लाइनों को उखाड़ा गया है। अब देखने की बात होगी जांच की आंच किसके तक पहुंचती है या फिर जिम्मेदारों को बचाकर पतली गरदन वाले को बलि का बकरा बनाया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!