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पीटीआर के पर्यटन की व्यवस्थाओं पर किसान नेता ने उठाए सवाल, रंग रोगन, गड्डे और गंदगी पर जताई नाराजगी

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 पीटीआर के पर्यटन की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल, रंग रोगन, गड्डे और गंदगी पर जताई नाराजगी

 

पूरनपुर,पीलीभीतकिसान नेता ने वन महकमें के जिम्मेदारों पर आधी अधूरी व्यवस्थाओं के साथ पीलीभीत टाइगर रिजर्व का नवीन सत्र शुरू करने का आरोप लगाया है। किसान नेता का कहना है कि जब वह चूका बीच रिसॉर्ट गए तो रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढे और गंदगी पड़ी दिखाई दी। यही नहीं टूरिस्ट को घुमाने वाली गाड़ियां खुले में खड़ी कर दी जाती हैं। जिसके चलते उस पर ओस गिरने के कारण सुबह घूमने जाने वाले टूरिस्टों के कपड़े खराब हो जाते हैं। इसके अलावा गाइड का पैसा काटने के बावजूद गाइड उपलब्ध नहीं कराया जाता है। किसान नेता ने जिम्मेदारों से व्यवस्थाएं चाक चौबंद न होने पर आंदोलन कर के की चेतावनी दी है। भारतीय किसान यूनियन चढूनी के जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह कहलों ने बताया कि वह सोमवार को अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका बीच रिसोर्ट घूमने गये थे। यहाँ उन्होंने देखा कि व्यवस्था इतनी खराब है, ना तो कोई साफ-सफाई है और चूका रिसोर्ट जाने वाले रास्ते पर बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं। वन विभाग की तरफ से किसी भी गड्ढे को भरवाया नहीं गया है। जगह-जगह पर गंदगी पड़ी है। चूका बीच में बनाई गई झोपड़ियों पर कोई नया पेंट नहीं किया गया है। टूरिस्टों को घुमाने वाली गाड़ियां रात को बाहर खुले में खड़ी कर दी जाती हैं। जब सुबह टूरिस्ट घूमने आता है तो वह ओस से भीगी हुई होती है। जिससे लोगों के सब कपड़े गंदे हो जाते हैं। श्री कहलों ने बताया कि बीते दिन उन्होंने ने भी दो गाड़ियां किराए पर ली। लेकिन उन्हें एक भी गाइड नहीं मिला। बल्कि मुझसे गाइड का पैसा भी काटा गया। उन्होंने बताया कि करीब 05 साल पहले इतनी सफाई होती थी, जंगल में ना किसी रोड पर गड्ढे थे। हर साल नया पेंट होता था। इतना पैसा खर्च होने के बाद भी वन विभाग पैसा नहीं लगा रहे हैं। श्री सिंह ने आरोप लगाया कि सब अधिकारी पर्यटन स्थल के रखरखाव के लिए आने वाला अथवा पर्यटन स्थल से कमाया गया पैसा खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन उन्होंने 9000 रुपये का भुगतान किया तथा 1500 रूपए नकद दिए इसके बावजूद उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली। साथ ही उन्होंने कहा कि डीएफओ के ड्राइवर की दो-दो महीने की तनख्वाह रुकी हुई है। श्री सिंह ने कहा कि यदि इन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया तो भाकियू चढूनी कार्यकर्ता आंदोलन करने को विवश होंगे। 

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