मानव- वन्यजीव संघर्ष रोकने को जागरूक करने शाहगढ़ क्षेत्र में पहुंची बाघ एक्सप्रेस
बाघ एक्सप्रेस
मानव- वन्यजीव संघर्ष रोकने को जागरूक करने शाहगढ़ क्षेत्र में पहुंची बाघ एक्सप्रेस
पीलीभीत।पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वारा चलाए जा रहा बाघ एक्सप्रेस मंगलवार को कलीनगर तहसील के गांव नदहा,कंपोजिट स्कूल बंगला और शाहगढ़ में पहुंची जहां पर मानव वन्य जीव संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में जन जागरूकता कार्यक्रम वीडियो शो और स्कूलो में वीडियो प्रोग्राम के माध्यम से किया जा रहा है।इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वन जीवों के बारे मे जागरूक करने के लिए किया जा रहा है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उप निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि इस एक्सप्रेस का चलाने का उद्देश्य मानव बाघ के संघर्ष को कम करना है,और बाघ जैसे पशु पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य एवं विविधता में प्रमुख भूमिका निभाते है,टीएसए फाउंडेशन इंडिया के डायरेक्टर डॉक्टर शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु भी है जिसको बचाने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की,वर्ष 1973 से अभी तक बाघों की संख्या में अच्छी वृद्धि देखने को मिली है। यही वृद्धि जन सहभागिता के बिना संभव नहीं हो पाया है।मनुष्यों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष का कारण मानव आबादी का विस्तार, संसाधन प्रतिस्पर्धा,कृषि विस्तार जैसे परिवर्तनों से बढ़ा है। इसको कम करने के लिए फसलों की कटाई शुरू करने से पहले खेत के आस पास ड्रम पीटकर आवाज करें या पटाखा चलाएं और मृत पशुओं को खुले में न फेंके अपितु उन्हें सुरक्षित जगह पर दफनाये ऐसे ही कुछ उपायों को अपनाकर हम लोग मानव बाघ संघर्ष को कम कर सकतें है।जागरूकता कार्यक्रम को पीलीभीत टाइगर रिजर्व और तकनीकी सहयोग टी.एस.ए.फाउंडेशन इंडिया द्वारा मिलकर चलाया जा रहा हैं।