श्रीराम कथा सुनने उमड़ रही श्रद्वालुओं की भीड़,आज होगा समापन
पूरनपुर,पीलीभीत।गांव आसपुर जमुनिया के ठाकुर द्वारा मंदिर पर चल रही सात दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें दिन चाँदपुर हरनाई से पधारे कथा व्यास पंडित अरविन्द दीक्षित ने सीता स्वयंवर का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।कथा व्यास ने राम विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक सीता का स्वयंवर रखते हैं।कई देशों के राजकुमारों को आमंत्रित करते हैं।इस दौरान काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।गांव आसपुर जमुनिया के ठाकुर द्वारा मंदिर पर महंत बाबा राघवदास के द्वारा 26 सितंबर से सात दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन चल रहा है।जिसमें अपरान्ह दो बजे से सायं पांच बजे तक एवं रात्रि आठ बजे से ग्यारह बजे तक श्रीराम कथा का आयोजन चलता है।श्रीराम कथा के पांचवें दिन चाँदपुर हरनाई से पधारे कथाव्यास पंडित अरविंद दीक्षित ने राम विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि राजा जनक सीता का स्वयंवर रखते है।जिसमें कई देशों के राजकुमारों को स्वयंवर में आमंत्रित करते है।स्वयंवर में गुरु विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण जाते है। जिसमें देश के कोने-कोने से आए युवराज शिव धनुष उठाने का प्रयास करते हैं लेकिन कोई भी शिव धनुष को हिला तक नहीं पाता। तब राजा जनक मन में दुखी होकर सोचते हैं कि उन्होंने शिव धनुष उठाने की जो शर्त रखी है।उससे लग रहा है कि उसे कोई पूरा नहीं कर पाएगा और सीता का स्वयंवर नहीं हो सकेगा।राम राजा जनक के मन की बात जान जाते हैं और गुरु विश्वामित्र से आज्ञा लेकर शिव धनुष उठाने जाते हैं। राम शिव धनुष को नमन करने के बाद उसे एक हाथ से उठा लेते हैं।धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते समय शिव धनुष टूट जाता है। इसके बाद सीता राम के गले में वरमाला डाल देती हैं राम की जय जयकार होने लगती है। महंत बाबा राघवदास ने बताया कि श्रीराम कथा का समापन दो अक्टूबर को हवनपूजन व पूर्णाहुति के साथ कन्या भोज और विशाल भंडारे के साथ धार्मिक कार्यक्रम का समापन होगा। धार्मिक समारोह में बाबा चेतन्य दास, श्रीकृष्ण दास,फूलदास,भूपेन्द्र दास,सर्वेश कुमार स्वर्णकार,ओमप्रकाश कुशवाहा, कुंदनसिंह,अर्पित कुशवाहा, प्रभुदयाल, राधाकृष्ण कुशवाहा,अंजू जैसवार,कंचन देवी, मुस्कान,गीता देवी, राजेश,प्रतीक आदि मौजूद रहे।