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खबर का असर: भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट के बाद आशा वर्करों की नियुक्तियां निरस्त, चार सदस्यीय टीम करेगी जांच
आशा नियुक्ति निरस्त
खबर का असर: भ्रष्टाचार की सुगबुगाहट के बाद आशा वर्करों की नियुक्तियां निरस्त, चार सदस्यीय टीम करेगी जांच
पूरनपुर, पीलीभीत। आशा वर्करों की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का शोर की खबर प्रकाशित होने पर जिम्मेदार नींद से जाग गए। मिलीभगत की सुगबुगाहट मिलने पर सीएमओ ने भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी है। पूरे मामले में चार सदस्य टीम गठित की गई है। यह टीम जांच कर 7 दिन के अंदर सीएमओ को रिपोर्ट देगी इसको लेकर खलबली मची हुई है।
समाचार भारत 24 ने आशा वर्करों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का शोर, खूब हुआ खेल खबर प्रमुखता से प्रसारित की थी। इसके बाद हरकत में आए जिम्मेदारों ने भर्ती प्रक्रिय निरस्त कर दी है। पूरनपुर ब्लाक क्षेत्र के गांव में 50 आशा वर्कर की नियुक्तियां होनी थी। बड़ी आबादी वाले गांव में एक आशा पर अधिक भार पड़ने पर दो आशा वर्कर की नियुक्ति का लक्ष्य था। इसके अलावा कई गांव में आशा का पद रिक्त होने पर वहां भी भर्ती होनी थी। आशा नियुक्ति की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई। बताया जा रहा है कई गांव में मिली भगत के चलते गुपचुप तरीके से आशाओं का चयन कर स्वास्थ्य विभाग को सूची दे दी गई थी। इसमें वास्तविक पात्र को भनक भी नहीं लगी थी। मिलीभगत से नियुक्तियां होने की सुगबुगाहट होने के बाद विरोध के स्वर उठने लगे। एक आशा की नियुक्ति में 25 हजार से 50 हजार तक सुविधा शुल्क लेने की चर्चा हो रही थी। मामले की शिकायत अफसरो और शासन स्तर तक करने की बात कही जा रही थी। बताया जा रहा ग्राम पंचायत की खुली बैठक में प्रधान और सचिव की मौजूदगी में आशा का चयन करना था लेकिन विना प्रचार प्रसार के ही आशा वर्करों का चयन कर लिया गया था। मिली भगत की आशंका पर सीएमओ डॉक्टर आलोक शर्मा ने भर्ती चयन प्रक्रिया निरस्त कर दी है। पूरे मामले में चार सदस्य टीम गणित कर 7 दिन के अंदर रिपोर्ट तलब की गई है। टीम में एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, डीपीएम, डीसीपीएम शामिल है।
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आशा वर्करों की नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। मामले में चार सदस्य टीम गठित कर 7 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। मिली भगत से नियुक्ति होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टर आलोक शर्मा
सीएमओ पीलीभीत