दौलत पाकर मशहूर हुए, पावर के नशे में चूर हुए… पूरनपुर के रामलीला मेले में हुआ विराट कवि सम्मेलन, देर तक गूंजती रहीं तालियां
दौलत पाकर मशहूर हुए, पावर के नशे में चूर हुए…
पूरनपुर के रामलीला मेले में हुआ विराट कवि सम्मेलन, देर तक गूंजती रहीं तालियां
कवियों को आयोजकों व अतिथियों ने किया सम्मानित
जिला पंचायत अध्यक्ष के पति भाजपा नेता गुरुभाग सिंह ने पहली बार किया काव्यपाठ
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पुवायां, शहजहांपुर। पूरनपुर के श्रीराम लीला मेला मैदान में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देर रात तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। कवियों को आयोजकों व अतिथियों ने शाल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह व रामनामी पटका पहनाकर सम्मानित किया।
राजकवि पंडित रामभरोसे लाल पाण्डेय पंकज व पंडित राजेंद्र भानु द्वारा स्थापित परंपरा को निभाते हुए उप जिलाधिकारी अजीत प्रताप सिंह एवं तहसीलदार वीरेंद्र कुमार के निर्देशन में श्रीराम लीला मेला कमेटी पूरनपुर द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में श्रेष्ठ कवियों ने सुंदर व मनोहारी काव्यपाठ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्षता कर रहे पंडित राम अवतार शर्मा, विधायक प्रतिनिधि ऋतुराज पासवान और जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि गुरभाग सिंह ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया। मां सरस्वती की वंदना डॉक्टर नीता अग्रवाल ने प्रस्तुत की और काव्यपाठ किया।
संजय पांडे गौहर ने कहा-
दौलत पाकर मशहूर हुए, पावर के नशे में चूर हुए।
हैं अगले निशाने हम सब पर यह भूल गए मगरूर हुए।
शायर जितेश राज नक्श कहा –
जाने कब बिजली चमकेगी जाने कब बारिश होगी,
बादल बादल टकराने में जाने कितनी देर लगे।
कवि संजीव शशि ने पढ़ा –
धरती से हरियाली गायब पैसे हैं खुशहाली गायब।
कहीं अन्न नाली में फिकता और कहीं से थाली गायब।
शायर नवाब शैदा ने फरमाया –
खिलते हैं सुबह शाम यहां फूल वफा के,
हर सिम्त यहां प्यार मुहब्बत का वतन है।
बदायूं से पधारे कवि पवन शंखधार ने मंच संचालन करते हुए कहा –
मूरख से मत बहस कर अपना आपा खोय।
मूरख तो मूरख हुआ तू क्यों मूरख होय।।
पुवायां से आए हास्य व्यंग्य कवि विजय तन्हा ने कहा –
सत्यपथ चलकर करिएगा काम नेक
कोयले में हीरे जैसी चमक दिखाइए।
मरने के बाद जब लेने आए यमराज
भैंसे से उतर बोलें आप बैठ जाइए।
बरेली से पधारी सायरा सुल्तान जहां ने देशभक्ति की रचना पढ़ते हुए कहा-
हम हैं हिंद निवासी अपनी सबसे अलग कहानी है।
हममें हैं कुछ ऐसे जिनकी यह दुनिया दीवानी है।
बरेली से आए हास्य कवि उमेश त्रिगुणायत अद्भुत ने पढ़ा –
घर जमीन झोल झाल कर बेंची
मेरी इज्जत उछाल कर बेंची।
दे दिया दिल निकाल कर जिसको,
उसने किडनी निकाल कर बेची।।
संयोजक सतीश मिश्र अचूक ने पढ़ा –
कह अचूक कविराय नहीं है भारत जागा।
अमर दशानन हुआ वाण जब प्रभु का लागा।
वरिष्ठ कवि अविनाश चंद्र मिश्र ने कहा –
कल सुबह सूर्य जब निकलेगा भारत के लाल नहीं होंगे।
उजड़ेगा ममता का चराग उपवन खुशहाल नहीं होंगे।
पीलीभीत से आई कवयित्री सरोज सरगम ने कहा –
घर की शान होती है, पराया धन नही होती।
महकाता फूलता उपवन, सूखा वन नही होती।
इन्हें तुम लाड से पालो, ये लक्ष्मी बाई है कल की।
बहिन है, मां है, बेटी है, महज़ ये तन नही होती।।
संयोजक व अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सुप्रसिद्ध गजलकार अमिताभ मिश्रा ने पढ़ा-
- कलम को बेंच देते हैं जुबा को बेंच देते हैं।
मुनाफा हो अगर ज्यादा वतन को बेंच देते हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि गुरभाग सिंह ने हिंदी, उर्दू व गुरुमुखी में शेरों शायरी करके खूब तालियां बटोरीं। आमंत्रित विशिष्ट कवि आलोक मिश्र ने ओज रचनाएं पढ़कर समां बांध दिया। हास्य कवि व संयोजक देव शर्मा विचित्र ने लोगों को अपनी रचनाएं पढ़कर खूब गुदगुदाया।
कार्यक्रम में समापन पर उपजिलाधिकारी अजीत प्रताप सिंह, तहसीलदार वीरेंद्र कुमार, नायब तहसीलदार ऋषिकांत दीक्षित और अभिषेक त्रिपाठी,
नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र गुप्ता, पंडित राम अवतार शर्मा, आलोक मिश्र, गुरभाग सिंह, संयोजक अमिताभ मिश्र एडवोकेट, देव शर्मा विचित्र एवं पत्रकार सतीश मिश्र अचूक, समाजसेवी अशोक खंडेलवाल व संदीप खंडेलवाल, धीरू मिश्रा, सुंदरलाल नेता जी ने सभी कवियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मुकेश खण्डेलवाल फर्नीचर वालों व नगरपालिका अध्यक्ष के पिता रामबहादुर गुप्ता ने सभी कवि व कवयित्रियों को प्रभु श्री राम जी के नाम वाले पटके पहनाकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि विधायक बाबूराम पासवान की अनुपस्थिति में उनके बेटे रितुराज पासवान उपस्थित रहे।
देर रात तक चले इस कर्यक्रम की प्रशंसा करते हुए उप जिला अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने कहा आयोजन बहुत ही शानदार रहा सभी कवि व कवयित्रियों ने अच्छा पढा। यहां भाजपा नेता गुरुभाग छसिंह, प्रफुल्ल मिश्रा, महेंद्र मिश्रा, संत बाबा राघव दास, पत्रकार नवीन अग्रवाल, सौरभ पांडे, रमेश दद्दा, मुकेश गुप्ता एडवोकेट, महेश आजाद, सर्वेश स्वर्णकार, रामनाथ मिश्र, त्रिभुवन शर्मा, गोपाल मिश्रा, सिद्धांत, संतोष सिंह, सुमित के अलावा स्थानीय कवि डाक्टर ऊदलराम मीत, राजेश राठौर, विकास आर्य स्वप्न, प्रदीप मिश्र, गीता राठौर, संजीता सिंह, सचिन तिवारी आदि के अलावा नगर के सैकड़ों प्रमुख लोग मौजूद रहे।