उत्तर प्रदेश

मंडियों में लगे क्रय केंद्रों को देहात क्षेत्र में शिफ्ट कराने की तैयारी, कई बिचौलिया धान खरीद में कर रहे सेंधमारी, चपरासी भी चाट रहे मलाई

धान खरीद

मंडियों में लगे क्रय केंद्रों को देहात क्षेत्र में शिफ्ट कराने की तैयारी, कई बिचौलिया धान खरीद में कर रहे सेंधमारी, चपरासी भी चाट रहे मलाई
कई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बना दिया केंद्र प्रभारी
पीलीभीत। पूरनपुर के अलावा जिले भर की मंडियों में लगे सरकारी क्रय केंद्रों को देहात क्षेत्र में शिफ्ट कराने की बिचौलिया योजना बना रहे हैं। मामले में प्रभावशाली लोगों के अलावा कुछ सफेद पोश लगे हुए हैं। पिछले दिनों क्रय केंद्र आवंटन करने के दौरान कई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को केंद्र प्रभारी बनाया गया। इसपर चपरासी भी मलाई चाट रहे हैं। इससे ऐसे में यहां आने वाले किसानों को देख इंचार्ज पहले ही गायब हो जाते हैं। इसको लेकर धान खरीद पर सवाल उठ रहे हैं। पूरनपुर मंडी में  कई केंद्रों पर इंचार्जों की जगह दलाल खरीद कराने का कार्य कर रहे हैं।
धान की कटाई तेजी पकड़ने लगी है। क्रय केंद्र पर मानकों के नियम से परेशान है। राइस मिल और आढ़तों पर समर्थन मूल्य से काफी कम दामों में धान खरीदा जा रहा है। इसके अलावा राइस मिल में समर्थन मूल्य से काफी कम दाम देकर नमी और अतिरिक्त कटौती के नाम पर ठगा जा रहा है। जिम्मेदार जानबूझकगर अंजान बने हुए हैं। खुद की गर्दन बचाने के लिए अधिकांश राइस मिलर फर्जी बिल पर धान कटौती दर्शा रहे हैं। इससे किसानों में नाराजगी देखी जा रही है। जनपद की पूरनपुर व कलीनगर तहसील में सबसे ज्यादा राइस मिले हैं। अधिकांश मिलर हर साल औने पौने दामों में धान खरीद कर स्टॉक लगा लेते हैं। इसके बाद त्यौहार निपटने के बाद सरकारी क्रय केंद्रों से मिलीभगत धान बिक्री कर समर्थन मूल्य का लाभ लेते हैं। इसके लिए धान बेचने वाले किसानों से पहले ही लालच देकर उन्हें उनसे दस्तावेज ले लेते हैं।पीलीभीत में इस बार धान खरीद के लिए 148 केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन दिनों केंद्र पर पहुंचने वाले किसानों को धान में नमी बताकर वापस किया जा रहा है। दिवाली और आगामी फसल के लिए मजबूर किसान राइस मिलों और आढ़तों पर धान बिक्री करने को मजबूर हैं। हालत यह है कि किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर समर्थन मूल्य से काफी कम दाम देकर धान खरीद की जा रही है। इसके साथ ही कटौती के अलावा दो प्रतिशत अलग का चार्ज लिया जा रहा है। खुद को बचाने के लिए अधिकांश राइस मिलर अपने नाम के बिल की जगह कागज पर ही वजन कटौती का हिसाब लिखकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं। इस बार मिली भगत से समिति के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को क्रय केंद्र प्रभारी बना दिया गया है। मानकों का ज्ञान न होने पर प्रभारी हाजिरी लगाकर केंद्र से गायब हो जाते हैं। ऐसे में यहां पहुंचने वाले किसान सेंटर इंजार्ज को खोजने नजर रहे हैं। सूत्रों की माने तो पूरनपुर मंडी के अलावा जिले भर में लगे क्रय केद्रों को राजनीतिक और चहेते लोगों के दबाव मे को हटाकर ग्रामीण क्षेत्र में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। इसको लेकर क्षेत्र में धान खरीद पर सवाल उठ रहे हैं। क्रय केंद्र बिगड़ने को लेकर एक जिम्मेदार अफसर के ऑफिस के बाहर काफी भीड़ लग रही है।
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