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मिलीभगत से आशा वर्करों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का शोर, चयन में चहेतो को मिली तबज्जो

आशा नियुक्ति

मिलीभगत से आशा वर्करों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का शोर, चयन में चहेतो को मिली तबज्जो
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत से नियुक्त की सूची स्वास्थ्य को दी
पूरनपुर,पीलीभीतपूरनपुर ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में नियम विरुद्ध तरीके से ही आशा वर्करों की गोपनीय तरीके से नियुक्ति कर दी गई। मामला उजागर होने के बाद अब ज्वाइनिंग में मिली भगत के चलते भ्रष्टाचार का शोर हो रहा है। मामले की शिकायत करने की बात कही जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ग्राम प्रधानों के माध्यम से फॉर्म आने के बाद नियुक्ति की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहा है।
सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में आशा वर्करों का अहम योगदान होता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, प्रसव के अलावा उन पर स्वास्थ्य विभाग की कई अहम जिम्मेदारियां भी होती हैं। कई गांव में आशा वर्कर न होने से काफी असुविधा हो रही थी। हाल ही में पूरनपुर ब्लाक क्षेत्र के गांव में 50 आशा वर्कर की नियुक्तियां होनी थी। बड़ी आबादी वाले गांव में एक आशा पर अधिक भार पड़ने पर दो आशा वर्कर की नियुक्ति का लक्ष्य था। इसके अलावा कई गांव में आशा का पद रिक्त होने पर वहां भी भर्ती होनी थी। आशा नियुक्ति की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई। बताया जा रहा है कई गांव में मिली भगत के चलते गुपचुप तरीके से आशाओं का चयन कर स्वास्थ्य विभाग को सूची दे दी गई। इसमें वास्तविक पात्र को भनक भी नहीं लगी। मिलीभगत से नियुक्तियां होने की सुगबुगाहट होने के बाद अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं। लोग जिम्मेदारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। यहां तक एक आशा की नियुक्ति में 25 हजार से 50 हजार तक सुविधा शुल्क लेने की चर्चा हो रही हैं। मामले की शिकायत अफसरो और शासन स्तर तक करने की बात कही जा रही है। एमओआईसी डॉक्टर आलमगीर ने बताया प्रधान के माध्यम से आशा वर्कर के फॉर्म आए थे। 15 सितंबर तक ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव में 50 आवेदन भेज दिए गए हैं। आरोप गलत लगाए जा रहे हैं।
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आशा वर्कर की नियुक्ति की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और सचिव पर है। यहां ग्राम पंचायत की बैठक में वास्तविक पात्र का प्रस्ताव कर बीडीओ के माध्यम से मार्क होकर स्वास्थ्य विभाग तक आता है। इसके बाद ही नियुक्ति होती है। अगर नियुक्ति में मिली भगत के आरोप लग रहे हैं तो इसकी जांच की जाएगी। शिकायत मिलने पर नियुक्तियां कैंसिल कर दोबारा से चयन प्रक्रिया होगी।डाक्टर आलोक शर्मा, सीएमओ पीलीभीत ——————–

 

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