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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अन्तिम तिथि बढ़ी, प्राकृतिक आपदा में मिलेगा मुआवजा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अन्तिम तिथि बढ़ी
पीलीभीत। जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित है। जिसके अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के लिए इफको-टोकयों जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को नामित किया गया है। प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि भू-स्लखन, जलभराव, बेमौसम/चक्रवाती वर्षा, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग व चक्रवात से फसलों में हुई क्षति, फसल कटाई उपरान्त आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाई हेतु रखी गयी फसल को ओलावृष्टि, चक्रवाती वर्षा/बेमौसम बारिश से क्षति, फसल कटाई के आधार पर प्राप्त वास्तविक उपज मे गारण्टीड/थ्रेशोल्ड उपज की तुलना मे कमी होने की स्थिति मे फसलों मे हुई क्षति की प्रतिपूर्ति इफको-टोकयों जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के माध्यम से बीमित कृषकों को की जाती है। किसान भाई अपनी फसलों का बीमा अपने नजदीकी क्षेत्रीय बैंक शाखा, जनसेवा केन्द्र एवं भारत सरकार के PMFBY पोर्टल (www.pmfby.gov.com.in) के माध्यम से करा सकते है।  धान की फसल के लिए बीमित धनराशि अंकन रू0 102900.00 प्रति हैक्टेयर के सापेक्ष कृषक अंश प्रीमियम धनराशि अंकन रू0 2058.00, धान की फसल के लिए बीमा निर्धारित है। प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि, भू-स्खलन, जलभराव, बेमौसम/चक्रवाती वर्षा, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग व चक्रवात से फसलों मंे हुई क्षति, फसल कटाई उपरान्त आगामी 14 दिनों तक खेत मंे सुखाई हेतु रखी गयी फसल को ओलावृष्टि, चक्रवाती वर्षा/बेमौसम बारिश से क्षति की सूचना 72 घण्ट के अन्दर अनिवार्य रूप से टोल फ्री नम्बर 14447 करना अनिवार्य है। अन्य किसी भी जानकारी के लिए इफको-टोकयो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के जिला प्रबंधक के दूरभाष 8057747626 पर भी कृषक भाई जानकारी प्राप्त कर सकते है। खरीफ मौसम के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा कराने की अन्तिम तिथि 10 अगस्त 2024 तक ही थी जिसको बढा कर 25 अगस्त 2024 कर दिया गया है। इफको-टोकयों जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2023-24 के खरीफ मौसम तक जनपद के (ऋणी कृषक एवं गैर ऋणी) कृषक कुल 99985 के द्वारा अपनी फसलों का बीमा कराया गया। जिसमें कुल 12262 कृषकों को 7.1813 करोड रू0 फसलों में हुयी क्षति के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति के रूप में किसानों को प्राप्त हुए है।
कृषकों से अपील है कि आप अधिक से अधिक संख्या में अपनी फसलों का बीमा कराने का कष्ट करें। ताकि प्राकृतिक आपदा फसलों की क्षति की स्थिति में फसलों क्षति की प्रतिपूर्ति होने से आपकी आय स्थिर बनी रहे।

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