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खादी से जुड़कर बने आत्मनिर्भर और दूसरों को दें रोजगार

जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्था ने गोष्ठी कर योजनाएं की दी जानकारी

खादी से जुड़कर बने आत्मनिर्भर और दूसरों को दें रोजगार

जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्था ने गोष्ठी कर योजनाएं की दी जानकारी

हजारा,पीलीभीतकेंद्र एवं राज्य सरकार बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।इसके लिए खादी ग्रामोद्योग आयोग ने कई योजनाएं बनाई हैं।इससे युवा जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं।साथ ही साथ बेरोजगारों को रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान खादी ही एक ऐसा विभाग था जिसका न तो चरखा रुका और न हीं करघा।युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खादी की कई योजनाएं धरातल पर हैं और कई योजनाएं अगले वित्तीय वर्ष में शुरु होने वाली हैं।इसी क्रम में पीलीभीत के शारदा पार हजारा थाना इलाके भरजूनिया फार्म में जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्था प्रबन्धक निखिल सिंह इलाके के गांवों में गोष्ठिया कर बेरोजगार युवाओं,महिलाओं को खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा चल रही योजनाओं को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने के लिए जागरूक कर रहे हैं।नई योजनाओं के तहत बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खादी ग्रामोद्योग आयोग की तरफ से उठाए जा रहे कदम के संबंध में प्रबन्धक जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग निखिल सिंह ने बातचीत में बताया कि
खादी ग्रामोद्योग का मूल उद्देश्य है देश के दूर-दराज के गांवों में लोगों को रोजगार मुहैया करना।इसमें जानकी देवी खादी संस्था में लगभग 150 महिलाओं,युवाओं को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।जो संस्था में धागा उत्पादन, चरखा से सूत कताई, कपड़ा बुनाई का काम करते हैं।संस्था की मदद से लोगों को रोजगार से जोड़ते हैं।विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को तकनीकि प्रशिक्षण,वित्तीय सुविधाएं, विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।इस वित्तीय वर्ष में धागा उत्पादन,कपड़ा बुनाई,चरखा के माध्यम से सूत कताई,कुम्हारी सशक्तिकरण,हनी मिशन,मोची मिशन,प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मत्स्य पालन, पोलेट्री फार्म जैसी योजनाएं सफल रही हैं।इससे जुड़कर लोग आत्मनिर्भर हुए हैं।कई को रोजगार भी मिला है।इन योजनाओं में रोजगार करने वाले लोगो की बात करें तो उनकी आय में तीन से चार गुना का इजाफा हुआ है।कुम्हारी सशक्तिकरण योजना को ही उदाहरण मान लें तो पहले एक कुम्हार पत्थर के चाक से एक दिन में 100-150 रुपये कमाता था।खादी ने उसकी हुनर को पहचाना और इलेक्ट्रिक चाक दिया।उसके बाद उसकी आमदनी 500-600 रुपये हो गई।कारण कि इलेक्ट्रिक चाक से उसका उत्पादन बढ़ गया।वहीं दूसरी ओर जो किसान पहले से वृहद स्तर पर खेती कर रहे थे। हमने उनको हनी मिशन से जोड़ा। उनको खादी ने प्रशिक्षित किया और बी बाक्स दिया। जिससे वह वर्ष में 100-150 किलोग्राम शहद का उत्पादन कर सकते हैं।जिससे वह आठ से दस हजार रुपये खेती के अलावा अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।

जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्था के माध्यम से इलाके के गावों में गोष्ठियां कर युवाओं महिलाओं को रोजगार कर आत्मनिर्भर बनने के लिए जागरूक कर रहे हैं।खादी से जुड़ने वाले लाभार्थियों को मशीनें व कच्चा माल देकर उनका रोजगार शुरू कराया जाएगा।

निखिल सिंह पद प्रबन्धक जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्था भरजूनिया फार्म हजारा

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